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 यूरोपीय संघ ने 120 रूसी राजनयिक निकाले

यूक्रेन के बुचा में की गई रूसी सैनिकों की बर्बरता ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है। बेशक पिछले महीने रूस और यूक्रेन के बीच शांति को लेकर बैठक हुई और कुछ शहरों में आक्रमण को कम करने पर सहमति भी बनीए लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। युद्ध पहले से भी कहीं ज्यादा विध्वंसक हो गया है। रूसी सेना आम नागरिकों की बेरहमी से हत्या कर रही है। हजारों बच्चे अनाथ हो चुके हैं। यूक्रेन के बूचा में रूसी सेना के नरसंहार के बाद यूरोपीय संघ के सदस्य देश भड़के हुए हैं। पिछले 48 घंटे में कई देशों ने 120 से अधिक रूसी राजनयिकों को देश से निकाल दिया है। इनमें से अधिकतक राजनयिकों पर रूस के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया गया है।रूसी राजनयिकों को निष्कासित करने वाले देशों में स्पेनए इटलीए डेनमार्क और स्वीडनए जर्मनी और फ्रांस शामिल हैं। यूरोपीय संघ ने आज ही रूस के खिलाफ नए प्रतिबंधों का ऐलान करते हुए 3 बिलियन से अधिक के कोयले के आयात पर रोक लगा दी है। हालांकिए जर्मनी और ऑस्ट्रिया के विरोध के कारण रूसी गैस और तेल सप्लाई पर प्रतिबंध का ऐलान नहीं किया जा सका। रूसी सैनिकों के द्वारा यूक्रेन के बुचा में की गई बर्बरता दुनियाभर में चर्चा का विषय बनी हुई है। बुचा में चार सौ से अधिक नागरिकों के शव पाए गए और इन सभी लाशों को एक गड्ढे में दफना दिया गया। अब बुचा नरसंहार के खिलाफ जर्मनी ने रूस पर एक्शन लेते हुए रूस के 40 राजनयिकों को अपने यहां से निकाल दिया है। जर्मनी की तरफ से इन राजनयिकों को वहां आने से मना कर दिया गया है। जर्मनी की इस प्रतिक्रिया के बाद देखना है रूस का अगला कदम क्या हो सकता है।

बेल्जियम 19 रूसी राजनयिक निकाले
यूरोपीय संघ ने कहा कि बेल्जियम से 19 रूसी राजनयिकों को निष्कासित किया जा रहा है। ईयू के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने मंगलवार को एक वीडियो बयान में कहाए ष्ष्मैंने ईयू के रूसी संघ के स्थायी मिशन के कई अधिकारियों को उनके राजनयिक दर्जे के विपरीत गतिविधियों में शामिल होने के कारण अवांछित व्यक्ति नामित करने का फैसला किया है।श्श् उन्होंने कहा कि इस कदम पर स्पष्टीकरण के लिए रूसी दूत को ईयू में तलब किया गया है। रूस ने कहा है कि यूरोपीय देशों द्वारा उसके राजनयिकों के निष्कासन पर मास्को भी जवाबी कदम उठाएगा तथा इससे अंतरराष्ट्रीय संबंध जटिल होंगे। जर्मनीए फ्रांसए इटली और स्पेन उन देशों में शामिल हैंए जिन्होंने सोमवार को रूसी राजनयिकों को निष्कासित कर दिया। रूस के राष्ट्रपति कार्यालय ष्क्रेमलिनश् के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहाए ष्ष्हम इसे नकारात्मक रूप से देखते हैं। हमें अफसोस है कि ऐसी कठिन परिस्थितियों में राजनयिक संवाद के माध्यम को सीमित किया जा रहा है।श्श् उन्होंने कहा कि अदूरदर्शी और ऐसा कदम है जो सबसे पहले हमारे संवाद को जटिल बनाएगाए जो सुलह की तलाश के लिए आवश्यक है। दूसरी बातण्ण्ण्इसके बदले में जवाबी कदम उठाए जा सकते हैं.

 

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