उत्तर प्रदेशउन्नावराज्य

यू0पी0 सरकार के स्टाम्प एवं निबन्धन विभाग ने किये सराहनीय कार्य

मदन चौरसिया जिला संवाददाता उन्नाव ।

उन्नाव पब्लिक की लहर।
स्टाम्प एवं निबन्धन विभाग का मुख्य उद्देश्य अचल सम्पत्ति के स्वामित्व से सम्बन्धित लेखपत्रों का निबन्धन एवं उसे भविष्य के लिए सुरक्षित करना है। वर्ष 2020-21 में लगभग 35 लाख 50 हजार लेखपत्र विभाग द्वारा निबन्धित किये गये एवं लगभग डेढ़ करोड़ लोगों ने विभाग की सेवाओं से लाभ उठाया। विभाग फर्जी स्टाम्पों पर नकेल कसते हुए इलेक्ट्राॅनिक स्टाम्प शुल्क प्रणाली के अन्तर्गत ई-स्टाम्प पत्र निर्गत कर रहा है। ई-स्टाम्पिंग प्रणाली के सफल क्रियान्वयन से रू0 100 करोड़ की बचत सम्भावित है।

विभागीय सेवाओं में सुगमता प्रदान करते हुए सम्पत्ति पंजीकरण, विवाह पंजीकरण, भारमुक्त प्रमाण-पत्र इत्यादि सेवाओं को जनता तक समयबद्ध तरीके से पहुंचाने के लिए विभागीय पोर्टल को राज्य सरकार के कामन पोर्टल एवं निवेश मित्र पोर्टल से जोड़ दिया गया है। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा निबन्धन शुल्क जमा किये जाने की व्यवस्था को लचीला बनाते हुए स्टेट बैंक आॅफ इण्डिया के सहयोग से निबन्धन शुल्क को आॅनलाइन जमा किये जाने की व्यवस्था की गयी है।

निबन्धन कार्यालयों में रजिस्ट्री की प्रक्रिया को सुगम बनाते हुए एस0एम0एस0 के माध्यम से नागरिकों को रजिस्ट्री की तिथि एवं समय बताया जा रहा है। जिससे व्यक्ति निर्धारित तिथि एवं समय पर उपस्थित होकर रजिस्ट्री करा रहे हैं इससे अनावश्यक भीड़ पर तो लगाम लग ही रही है साथ ही जनता के बहुमूल्य समय की भी बचत हो रही है। विभाग में दिव्यांग/वृद्ध/बीमार व्यक्तियों, जो निबन्धन कार्यालयों के ऊपरी तलों तक नहीं पहुंच सकते, के लेखपत्रों के पंजीकरण हेतु उप-निबन्धकों को निर्देशित किया है कि वह स्वयं भू-तल पर जाकर इन व्यक्तियों का पंजीकरण लैपटाॅप के माध्यम से कराना सुनिश्चित करेंगे।

विभाग द्वारा पुराने पंजीकृत विलेखों की इण्डैक्सिंग, स्कैनिंग एवं डिजिटाईजेशन का कार्य भी कराया जा रहा है साथ ही विगत 20 वर्षों के सभी विलेखों की आॅनलाइन उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है।
यदि समग्र रूप से विचार किया जाए तो प्रदेश सरकार के स्टाॅम्प एवं निबन्धन विभाग की विभिन्न पहलें, कार्यवाहियां व योजनाएं निबन्धन कार्य को सुगमता एवं समयबद्धता प्रदान कर रही हंै।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button