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लालू यादव की अचानक तबियत ख़राब हुई, उन्हें दिल्ली AIIMS किया में गया भर्ती

चारा घोटाले में सजा काट रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (72) को शनिवार को एयर एम्बुलेंस दिल्ली AIIMS में भर्ती कराया गया है। इससे पहले वे रांची RIMS में एडमिट थे। RIMS के डॉ. कामेश्वर प्रसाद के मुताबिक, ‘लालू को दो दिन से सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उन्हें निमोनिया भी हो गया। उनकी उम्र को देखते हुए हमने बेहतर इलाज के लिए उन्हें दिल्ली शिफ्ट करना बेहतर समझा।’ बताया जा रहा है कि लालू के फेफड़ों में पानी भर गया है।

दिल्ली शिफ्टिंग के दौरान लालू प्रसाद यादव।

मेडिकल बोर्ड बनाया गया था
लालू की हेल्थ कंडीशन के आधार पर उन्हें बाहर शिफ्ट करने पर फैसला लेने के लिए 8 सदस्यीय मेडिकल बोर्ड बनाया गया था। झारखंड के जेल आईजी बीरेंद्र भूषण ने कहा कि मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा पर ही लालू को दिल्ली शिफ्ट करने की इजाजत दी गई है। उनके स्वास्थ्य को लेकर हमें हर हफ्ते अपडेट मिलते रहेंगे। अगर जरूरत हुई तो उन्हें दिल्ली में और ज्यादा

रांची से शनिवार शाम रवाना हुए थे लालू
राजद के बिहार प्रमुख अभय कुमार सिंह ने बताया कि रांची एयरपोर्ट से लालू शनिवार शाम 7.30 बजे रवाना हुए थे, करीब 9.30 बजे वे दिल्ली पहुंच गए। उनके साथ पत्नी राबड़ी देवी, बेटा तेजस्वी और बेटी मीसा भी मौजूद थीं। लालू का परिवार 22 जनवरी को ही रांची पहुंच गया था।

तेजस्वी ने बताया था कि पिता की हालत चिंताजनक है। इस संबंध में मैंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी बात की। इससे पहले 22 जनवरी को ही झारखंड हाईकोर्ट ने लालू के जेल मैनुअल के उल्लंघन मामले में RIMS के अधिकारियों, जेल प्रशासन और राज्य सरकार को फटकार लगाई थी। अब मामले में 5 फरवरी को सुनवाई होगी।

लालू को ये बीमारियां, रोज 19 दवा ले रहे
टाइप टू डायबिटीज, हाइपरटेंशन, किडनी इंजरी एंड क्रोनिक किडनी डिजीज, पेरिएनल एब्सेस, प्रोस्थेटिक हाईपरप्लेसिया, सेकंडरी डिप्रेशन, लो बैक डिफ्यूज डिस्क, लेफ्ट आई एमेच्योर कैटरेक्ट, राइट लोअर पोल रेनल, प्राइमरी ओपन एंगल ग्लूकोमा, हेट्रोजेनस थैलेसेमिया, विटामिन डी डेफिशिएंसी, ग्रेड वन फैटी लीवर। उनका वॉल्व रिप्लेसमेंट भी हो चुका है।

स्थिति चिंताजनक क्यों?
आईएमए के सचिव डॉ. शंभू प्रसाद सिंह ने कहा- सामान्य निमोनिया गंभीर नहीं है, लेकिन लालू मल्टीपल बीमारियों से पीड़ित हैं। उम्र भी ज्यादा है। ऐसे में निमोनिया के कारण हार्ट फंक्शन प्रभावित हो सकता है। किडनी फंक्शन और ब्लड शुगर लो होने का भी खतरा रहता है। ऐसी स्थिति में मरीज को क्लीनिकली मैनेज करना काफी मुश्किल हो जाता है। एम्स में उन्हें ज्यादा सुविधाएं मिलेंगी।

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