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नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ में दीप यज्ञ शिक्षा संस्कार के साथ पूर्णाहुति के साथ हुआ समापन

धौरहरा खीरी। गायत्री परिवार ट्रस्ट के तत्वाधान में नगर के मोहल्ला अंम्बेडकर नगर स्थित काली माता मंदिर परिसर के मैदान में चल रही 4 दिवसीय नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ पूर्णाहुति के साथ संपन्न हुआ।इस दौरान दीप यज्ञ,शिक्षा संस्कार,12 नामकरण संस्कार, यज्ञोपवीत,1 कन्या विवाह का आयोजन किया गया।आयोजक मडंल के अनुसार मुकेश कुमार पुत्र राम कुमार निवासी हरदी मजरा कोयली पुरवा विकासखंड धौरहरा का विवाह सुनीता देवी पुत्री हीरालाल निवासी लखीमपुर के साथ यज्ञ स्थल पर संपन्न हुआ।
श्रद्धालुओं ने गायत्री मंत्र के जाप व वेद माता गायत्री आवाहन के साथ 9 कुंडों में हवन पूजन के साथ यज्ञ किया।देर शाम तक हवनकुण्डों में पूर्णाहुति दी गई।सोमवार अंतिम दिन सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा जिसमें महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।इस महायज्ञ में संस्कारों के साथ अधिक से अधिक संख्या में लोग गायत्री परिवार से जुड़े जिसमें लोगों को 16 संस्कारों की जानकारी दी गई।कार्यक्रम स्थल पर गायत्री माता के चित्र के साथ-साथ भारत माता की प्रतिमा का पूजन अर्चन करने के साथ गायत्री मंत्र का जप किया गया। इस दौरान गायत्री परिवार के वक्ताओं ने बताया कि सभी समस्याओं का समाधान गायत्री विज्ञान में निहित है और भारतीय संस्कृति के पांच आधारभूत स्तंभ हैं।गौ गंगा गीता गायत्री और गुरु ही सर्वोत्तम है।
गायत्री हवन व प्रवचन के साथ चारों दिन भंडारे का भी आयोजन चलता रहा।सोमवार दो बजे से गायत्री महायज्ञ व परिवार की टोलियों की बिदाई शुरु हुई।गायत्री परिवार के सह संयोजक मुंशी लाल वर्मा,देशराज वर्मा टोली नायक अवधेश मौर्या प्रबंधक त्रिभुवन लाल साहित्य प्रचारक ओमप्रकाश ने भोजन व्यवस्था पर पूर्ण नियंत्रण बनाए रखा जिससे भंडारे में सभी भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।

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