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मातृशक्ति समानता की बात छोड़ो माताओं का सबसे ऊंचा स्थान रहा – महामंडलेश्वर यतेंद्र आनंद

माताओं को अपनी शक्ति और मनोबल की पहचान करनी होगी - महामंडलेश्वर यतेंद्रानंद

ब्यूरो रिपोर्ट,पब्लिक की लहर
पुवायां , शाहजहांपुर ।कैंब्रिज कान्वेंट में मातृशक्ति सम्मेलन आयोजित किया गया ।जिसमें महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद महाराज ने मातृशक्ति, राष्ट्र, सनातन संस्कृति पर अपने विचार व्यक्त किए । जिसमें ग्रामीण जिले की माताओं बहनों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई ।रविवार को कैंब्रिज कान्वेंट पुवायां में मातृशक्ति सम्मेलन का आयोजन किया गया । जिसमें मुख्य वक्ता स्वामी यतींद्रानंद महामंडलेश्वर जूना अखाड़ा ने कहा कि दुनिया में भारत की संस्कृति में मातृशक्ति का बहुत बड़ा योगदान है , और भारत में मातृशक्ति को पूजा जाता है । ईश्वर संसार में माता के गर्भ में संतान की उत्पत्ति का निर्णय तय करता जिसके जन्म होने के बाद माता के रूप में जन्मभूमि को स्वीकार कर लिया जाता है । जब जब प्रभु श्रीराम लंका पर विजय की तब लक्ष्मण जी ने भगवान श्रीराम से कहा कि आप लंका के राजा क्यों नहीं बन जाते तब प्रभु श्री राम ने कहा कि जननी जन्मभूमि से भी महान है । हमें सोने की लंका नहीं चाहिए लक्ष्मण और बाद उन्होंने बताया कि जब अंग्रेज तात्या टोपे को ढूंढ रहे थे । तब एक गांव में जहां तात्या टोपे छुपे थे वहां की 9 वर्ष की बालिका को उठाकर चारों तरफ आग जलाने क बाद पूछ रहे थे , लेकिन बालिका ने अपना मुंह नहीं खोला तब तक आग भयानक तरीके से जलने लगी तब बोलने की आवाज आई।अंग्रेज अधिकारी ने धमकाते हुए कहा कि कहां है तात्या टोपे नौ वर्ष की कन्या ने अंग्रेज अधिकारी को थप्पड़ मारकर धक्का दे दिया । बालिका ने अपने प्राण छोड़ दिए लेकिन गद्दारी नहीं की ऐसी भी भारत की मातृशक्ति रही है । भारत की आदिकाल से देवताओं को भी मातृशक्ति के की बात माननी पड़ी सती सावित्री ने अपने पति के प्राण छुड़ाकर , माता पन्ना धाय अपने पुत्र को बलिदान कर दिया ताकि राष्ट्र सुरक्षित रहे । जिस देश में माताएं जैसी होगी वैसे ही देश की वेशभूषा तय होती है । शिक्षा व्यवस्था में मातृशक्ति का भी अहम भूमिका होती है । क्योंकि सर्वप्रथम मां गुरु के रूप में होती हैं । माताओं को अपनी ताकत , शक्ति , बल और अपने ज्ञान को पहचानना पड़ेगा । जो आदिकाल में माताओं ने अपने तपस्या, युद्ध से धर्म को बचाने का काम किया है।
महिला समन्वय श्रद्धा गुप्ता ने समस्त महिलाओं का अभिवादन करते हुए कहा कि नारी शक्ति अपने को कमजोर न समझे अपने मातृशक्ति को समानता की बात छोड़ कर अपने अस्तित्व की पहचान करें । इस अवसर पर नीतू सिंह भाजपा नगर उपाध्यक्ष महिला मोर्चा शकुंतला मिथिलेश कुमार ,मंजू आनंद आभा गुप्ता, डॉ शालिनी गुप्ता ,ममता पांडे, मीरा कटियार ,रीता देवी ,रजनी पांडे आदि महिलाएं उपस्थित रहे ।

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