Flash News

ज्वार-बाजरा को बढ़ावा देने की भारतीय पहल को मिली कामयाबी

नई दिल्ली, 04 मार्च । दुनियाभर में ज्वार-बाजरा जैसे अनाज को बढ़ावा देने को लेकर भारतीय पहल को बड़ी कामयाबी मिली है। वर्ष 2023 को मिलेट अनाज का अंतरराष्ट्रीय वर्ष घोषित करने के भारत के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र की आम सभा ने मंजूर कर लिया है। इसे लेकर ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के प्रस्ताव का समर्थन करने वाले देशों को धन्यवाद बोला है। उन्होंने कहा कि इस कामयाबी से कृषि वैज्ञानिकों और स्टार्टअप्स के लिए रिसर्च की नई संभावनाए तैयार होंगी। साथ ही ज्वार-बाजरा के उपभोग से पोषण व खाद्य सुरक्षा के साथ किसानों का भी कल्याण सुनिश्चित होगा। दरअसल, संयुक्त राष्ट्र में ज्वार-बाजरा (मिल्स) के अंतरराष्ट्रीय वर्ष पर आज भारत प्रायोजित प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत ने इसकी जानकारी देते हुए खुशी जताई। उन्होंने कहा कि भोजन की टोकरी और प्रभाव नीति में परिवर्तन के प्रमुख घटक के रूप में पोषण और पारिस्थितिक लाभों को बढ़ावा देने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। ऐसे में सभी सह-प्रायोजकों, विशेष रूप से बांग्लादेश, केन्या, नेपाल, नाइजीरिया, रूस व सेनेगल तथा संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों को उनके मजबूत समर्थन के लिए भारत धन्यवाद ज्ञापित करता है। इसके बाद ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर संयुक्त राष्ट्र में मिली सफलता को भारत के लिए गर्व का क्षण बताया। उन्होंने ट्वीट कर संयुक्त राष्ट्र में बाजरे पर संकल्प की शुरुआत करने तथा सह-प्रायोजित करने वाले सभी देशों का आभार जताया। उन्होंने बताया कि विशिष्ट प्रतिनिधियों को स्वादिष्ट ज्वार-बाजरा मुरक्कू भी परोसा गया। यह एक स्नैक है, जिसका स्वाद वो भी लेते हैं और अन्य साथियों से भी इसे आजमाने का आग्रह करते हैं। प्रधानमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि ज्वार-बाजरा को लोकप्रिय बनाने में भारत सबसे आगे है। इसके उपभोग से पोषण, खाद्य सुरक्षा और किसानों का कल्याण होता है। यह कृषि वैज्ञानिकों और स्टार्ट-अप समुदायों के लिए अनुसंधान और नवाचार के अवसर भी प्रदान करता है। उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र संघ में 70 से ज्यादा देशों ने भारत के इस प्रस्ताव को अपना समर्थन दिया है। भारत के अलावा बांग्लादेश, केन्या, नेपाल, रूस और सेनेगल ने भी 2023 को मिलेट का अंतरराष्ट्रीय वर्ष घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव दिया था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button