उत्तर प्रदेश

भागवत कथा श्रवण से होती है मोक्ष की प्राप्ति

बृंदावन धाम से भठही खुर्द में पधारी संगीता किशोरी ने कथा प्रसंग वर्णन की
फाजिलनगर के भठहीं खुर्द स्थित संस्कृत विद्यापीठ के सभागार में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन कथा श्रवण कराती हुई श्री धाम वृंदावन से पधारीं देवी संगीता किशोरी ने कह कि श्रृंगी ऋषि के श्राप को पूरा करने के लिए तक्षक नामक सांप भेष बदलकर राजा परिक्षित के पास पहुंचकर उन्हें डंस लेते हैं, और जहर के प्रभाव से राजा का शरीर जल जाता है और मृत्यु हो जाती है। लेकिन श्री मद् भागवत कथा सुनने के प्रभाव से राजा परीक्षित को मोक्ष प्राप्त होता है। पिता की मृत्यु को देखकर राजा परीक्षित के पुत्र जनमेजय क्रोधित होकर सर्प नष्ट हेतु आहुतियां यज्ञ में डलवाना शुरू कर देते हैं जिनके प्रभाव से संसार के सभी सर्प यज्ञ कुंडों में भस्म होना शुरू हो जाते हैं। तब देवता सहित सभी ऋषि मुनि राजा जनमेजय को समझाते हैं और उन्हें ऐसा करने से रोकते हैं। उन्होंनें आगे बताया कि कथा के श्रवण प्रवचन करने से जन्मजन्मांतरों के पापों का नाश होता है और विष्णुलोक की प्राप्ति होती है।

कथावाचिका ने प्रवचन करते हुए कहा कि संसार में मनुष्य को सदा अच्छे कर्म करना चाहिए, तभी उसका कल्याण संभव है। माता-पिता के संस्कार ही संतान में जाते हैं।संस्कार ही मनुष्य को महानता की ओर ले जाते हैं। श्रेष्ठ कर्म से ही मोक्ष की प्राप्ति संभव है। अहंकार मनुष्य में ईर्ष्या पैदा कर अंधकार की ओर ले जाता है। इस दौरान ब्रह्मर्षिपंडित भोला प्रसाद त्रिपाठी, कॉपरेटिव बैंक के पूर्व चेयरमैन सुभाष प्रसाद त्रिपाठी, कुशीनगर की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ निर्मला त्रिपाठी, ग्राम प्रधान सुमन त्रिपाठी, प्रतिनिधि विश्वामित्र त्रिपाठी ,प्राचार्य डॉ शैलेंद्र मिश्र ,प्रधानाचार्य गण रामू जी, रामाश्रय जी, अशोक गौड़ ,गौरी शंकर लाल श्रीवास्तव, वैद्य रमाशंकर पांडे ,नीतीश कुमार पांडे, विजय पांडे ,पूर्व प्रधानाचार्य जगन्नाथ राय ,आलोक चौबे, बृजेश मिश्र, प्रदीप दुबे, एसटीएनटी के निदेशक उद्भव त्रिपाठी, अवधेश, गिरिजेश, अमरेश आदि श्रद्धालु मौजूद रहे.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button