उत्तर प्रदेश

केन्द्रीय कांगे्रस वर्किंग कमेटी  सदस्य तथा आउट रीच एण्ड को, उत्तर प्रदेष के प्रभारी श्री प्रमोद तिवारी ने कहा है कि  आज ही के दिन 14 फरवरी, 2019 को जम्मू काष्मीर के पुलवामा में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल ; के 40 जाॅबाॅज जवान पाकिस्तानी सेना द्वारा किये गये कायरना हमले में शहीद हो गये थे। मैं उन अमर शहीदों के विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हंूूॅ, मुझे उन शहीदों की शहादत पर गर्व है ।
मुझे दो बातें बहुत पीड़ा देती है कि आज उन अमर शहीदों की शहादत को 2 वर्ष बीत गये है किन्तु उनके परिवारजनों के जैसा साक्षात्कार आ रहे हैं कि उन्हें अभी तक न तो  पेंषन अथवा पेट्रोल पम्प की सुविधा दी गयी है और न ही अन्य कोई आर्थिक सहायता प्रदान की गयी है, उनके परिवार द्वारा दिये गये साक्षात्कार बहुत ही पीड़ादायक और मन को झकझोर देने वाले हैं ।
श्री तिवारी ने कहा है कि आखिर इतना ‘‘टन’’ गोला – बारूद पाकिस्तान से कैसे आया ? जवानों के अनुरोध के बावजूद भी उन्हें हवाई जहाज अथवा हेलीकाप्टर द्वारा क्यों नहीं ले जाया गया ? शहीदों के परिवार के साक्षात्कार हर भारतीय के हृृदय के लिये दुखदायक और मर्माहत करने वाले हैं । मैं उनके परिवार के दुःख को साझा करता हंूूॅ और सरकार से मांग करता हंूूॅ कि अगली बरसी तक शहीदों के परिवार को सभी सुविधायें मिल जानी चाहिए ।
श्री तिवारी ने कहा है कि  आज अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 59.47 डाॅलर प्रति बैरल है, और मुम्बई में पेट्रोल की कीमत रु. 95.21 प्रति लीटर, तथा दिल्ली में रु. 88.73  प्रति लीटर और लखनऊ में रु. 87.44 प्रति लीटर है, इसी प्रकार डीजल की कीमत मुम्बई में रु. 86.04 प्रति लीटर, दिल्ली में रु. 79.06 और लखनऊ में    रु. 79.43 प्रति लीटर है ।
किन्तु कांगे्रस सरकार के कार्यकाल के समय दुनिया की बाजार में कच्चे तेल की कीमत 140 डाॅलर प्रति बैरल होने के बावजूद भी रु. 55 प्रति लीटर तक ही पेट्रोल की कीमत थी, और डीजल की कीमत रु. 50 प्रति लीटर से कम हुआ करती थी ।
लेकिन आज ‘‘मोदी सरकार’’ ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बेतहासा वृृद्धि करके अडानी की जैसी कम्पनियों को लाभ पहंुॅचाने के लिये ऐसा कर रही है, और आम जनता की जेब पर डाका डाल रही है ।
डीजल की कीमत बढ़ाकर किसानों को और सामान्य उपभोक्ताओं की जेब पर सरकार द्वारा डाका डाला जा रहा है क्योंकि डीजल का प्रयोग ट्रक, ट्रैक्टर आदि में किया जाता है जिससे सिंचाई, माल की ढुलाई आदि महंगी हो जाती है, और

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