उत्तर प्रदेशलखनऊ

ऽ चौरी चौरा का आन्दोलन ब्रितानिया हुकूमत की बर्बरता के खिलाफ प्रतिशोध था- दिनेश सिंह

लखनऊ 04 फरवरी 2021
उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में आज भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में चौरी चौरा आन्दोलन की शताब्दी वर्ष की शुरूआत के अवसर पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता पूर्व विधायक श्री सतीश अजमानी जी और मुख्य वक्ता के रूप में कांग्रेस विधान परिषद दल के नेता श्री दीपक सिंह जी मौजूद रहे। विचार गोष्ठी में प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी प्रशासन श्री दिनेश सिंह सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारियों ने आजादी के महानायकों और चौरी चौरा आन्दोलन के अमर शहीदों के बलिदान को विस्तार से याद करते हुए उनके योगदान को नमन किया गया। संगोष्ठी का संचालनस मौके पर मुख्य वक्ता के रूप में संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस विधान परिषद दल के नेता श्री दीप सिंह ने कहा कि आज का दिन हम सभी कांग्रेसजनों को अपने महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के त्याग और बलिदान नमन करने का है जिनके अदम्य साहस और बलिदान की बदौलत आज हमारा देश ब्रितानिया हुकूमत की सैंकड़ों वर्षों की गुलामी की जंजीरों से मुक्त हो सका और पूरा देश स्वतंत्र होकर देशवासी पूरे विश्व में भारत का झण्डा बुलन्द कर रहे हैं। उन्होने कहा कि चौरी चौराआन्दोलन आजादी के इतिहास में अंग्रेजों द्वारा भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन को कुचलने के लिए पंजाब के जलियांवाला बाग नरसंहार की जो पीड़ा जनमानस में धधक रही थीं उसकी चरम परिणति थी। जिसमें उद्वेलित जनता ने चैरीचैरा थाने को घेरकर 1919 में जलियांवाला बाग मंे हुए नरसंहार और वर्ष 1921 में अवध के 12 जनपदों के किसान आन्दोलन जिसमें मुंशीगंज में 100 से अधिक किसानों की अंग्रेजों ने बर्बर गोली मारकर हत्या कर दी थी, का अंग्रेजों से प्रतिशोध लिया था। हालांकि हमारा भारतीय समाज हिंसा को किसी भी उद्देश्य से जायज नहीं ठहरा सकता लेकिन जब जब जनता की जायज मांगों को सत्ताधारी कुचलने का प्रयास करता है तो इसी प्रकार की प्रतिशोध की ज्वाला धधक उठती है। कंाग्रेस नेत्री और भारत रत्न श्रीमती इन्दिरा गांधी जी ने चौरी चौरा के अमर शहीदों की याद में एक विशाल स्मारक की आधारशिला वर्ष 1982 में रखी। आज हम सब उन आजादी के महानायकों को नमन करते हैं जिन्होने आजादी के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया। प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी प्रशासन श्री दिनेश सिंह ने संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए अमर बलिदानियों को नमन किया और कहा कि चौरी चौरा की घटना ब्रितानिया हुकूमत की बर्बरता के खिलाफ आम जनमानस और आजादी के आन्दोलनकारियों का प्रतिशोध था। उन्होने कहा कि असहयोग आन्देालन की सफलता चरम पर थी लेकिन ऐसा हमेशा होता रहा है कि जब कोई शांतिपूर्ण आन्दोलन अपने उद्देश्यों में सफलता की ऊंचाइयों को छूने वाला होता है तब सरकारें षडयंत्र के माध्यम से उस आंदोलन को बदनाम करने और उद्देश्यों को धूमिल करने के लिए कुचक्र रचती हैं जिसकी परिणति कभी चौरी चौरा के रूप में और आज के परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो किसान आन्दोलन के रूप में देश के सामने हैपूर्व विधायक श्री सतीश अजमानी जी ने संगोष्ठी के अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि मौजूदा भारतीय जनता पार्टी की सरकारें स्वतंत्रता आन्दोलन के मूल्यों, उद्देश्यों और तथ्यों को बड़ी चालाकी के साथ बदलने और नये सिरे से परिभाषित करने की कोशिश में जुटी हैं और यह पिछले कुछ दिनों से हो रहा है क्योंकि सौ साल बाद बहुत आसानी से तथ्यों के बारे में लोगों को भ्रमित किया जा सकता है। इस दौरान तीन पीढ़ी हमसे दूर जा चुकी है। ऐसे में कांग्रेसजनों का यह कर्तव्य है कि वह ग्राम पंचायत स्तर तक अपने स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान किये गये त्याग, बलिदान और आजादी के महानायकों के इतिहास को सही तरीके से जन-जन तक पहुंचायें कि किस प्रकार कितने त्याग और बलिदान से हमारे देश को आजादी मिली।
पिछड़ा वर्ग विभाग के कार्यकारी अध्यक्ष श्री मनोज यादव ने चौरी चौरा आन्दोलन को मौजूदा किसान आन्दोलन से जोड़ते हुए कहा कि वह क्षेत्र हमारे ननिहाल का है। हमारे पुरखों ने चौरी चौरा में बलिदान दिया है और समाज के हर वर्ग के लोगों का नाम गिनाते हुए कहा कि दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक, सवर्ण समाज का हर तबका एकजुट होकर आजादी की लड़ाई में साझीदार था तभी हमें आजादी मिल सकी। इसी प्रकार आज समूचा समाज देश की राजधानी दिल्ली के बार्डर पर अपने अन्नदाता किसानों के साथ खड़ा है। लेकिन सरकार अपने अंहकार में अंग्रेजी हुकूमत की तरह बर्बरतापूर्वक अन्नदाता किसानों के आन्दोलन को कुचलने पर अमादा है। हर कंाग्रेसजन का यह दायित्व है कि हम किसानों के साथ मजबूती के साथ खड़ें हों। जीत हमारी होगी।संगोष्ठी में प्रमुख रूप से प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता श्री उबैद उल्ला नासिर, श्री संजय शर्मा, श्रीमती रफत फातिमा, लखनऊ के जिलाध्यक्ष श्री वेद प्रकाश त्रिपाठी आदि ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए आजादी के महानायकों को नमन किया।संगोष्ठी मंे प्रमुख रूप से सर्वश्री रमेश्ंा मिश्रा, हरेराम मिश्रा, श्रीमती माया चैबे, कर्नल(रि0) ओ0पी0 चैबे, सुधांशु बाजपेयी, योगेश्वर सिंह, अश्वनी यादव, अन्नू सोनी, श्रीराम यादव, राकेश पाण्डेय, नीता अग्रवाल, अनोखे लाल तिवारी, एस0बी0 मिश्रा आदि सैंकड़ों की संख्या में कंाग्रेसजन मौजूद रहे।

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