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कॉफी कैंसर के खतरे को कम करती है,जाने इसके और भी फायदे

कॉफी नाम सुनते ही बस पीने का मन करता है। एक अध्ययन के मुताबिक कॉफी पसंद करने वाले लोग एक दिन में 3 से 5 कप कॉफी पी जाते हैं। कॉफी सेहत के लिए भी बड़े काम की चीज है। अमेरिका के नेशनल कैंसर स्कूल में रिसर्चर एरिका लॉफ्टफील्ड ने कॉफी को लेकर स्टडी की है। इसमें उन्होंने पाया है कि यदि हम 24 घंटे में 4 से 5 कप यानी 400 मिलीग्राम कॉफी पीते हैं तो इसके कई फायदे हैं।

कॉफी कैंसर के खतरे को कम करती है

शोधकर्ताओं ने अमेरिका, यूरोप और जापान के अलग-अलग जगहों पर 16 स्टडी कीं। इसमें 10 लाख लोगों को शामिल किया। इसमें से 57 हजार लोग ऐसे थे, जो कैंसर से पीड़ित थे। शोधकर्ताओं ने ज्यादा कॉफी पीने वालों की कम कॉफी पीने वालों से तुलना की तो पाया कि ज्यादा कॉफी पीने वालों में कैंसर का रिस्क 12% तक कम हुआ। इन लोगों का 20% तक वेट लॉस भी हुआ।

2015 में कॉफी को हेल्दी डाइट का हिस्सा माना गया

  • सालों से लोग यह मानते आए हैं कि कॉफी कैंसर का कारण बन सकती है। लेकिन, 2015 में अमेरिकी एडवाइजरी कमेटी ने डाइट को लेकर गाइडलाइन बनाई। जिसमें पहली बार कॉफी के नॉर्मल यूज को हेल्दी डाइट का हिस्सा माना गया। इसके बाद से लोगों की सोच बदल गई।
  • 2017 में ब्रिटिश मेडिकल जर्नल ने लिखा कि कॉफी का नॉर्मल यूज फायदेमंद ज्यादा और नुकसानदेह कम है। जर्नल के लेखकों ने 200 अध्ययनों का रिव्यू किया और फिर बताया कि सामान्य तौर पर कॉफी पीने वालों को हृदय से जुड़े रोग कम होते हैं।

गर्भवती महिलाओं के लिए ठीक नहीं कॉफी

  • अमेरिकी हेल्थ संस्थाएं कॉफी के नुकसान पर अध्ययन कर रही हैं। अभी तक इसके नुकसान के बारे में जो कुछ भी कहा जाता रहा है, वह बस अनुमान ही है। ज्यादा कॉफी पीने से सेहत को क्या नुकसान हैं? इसके बारे में कोई साफ जानकारी नहीं है।
  • वे महिलाएं जो मां बनने वाली होती हैं, उनके लिए कॉफी नुकसानदेह हो सकती है। यह बात कई अध्ययनाें में सामने आ चुकी है। कॉफी के इस्तेमाल से शरीर में कैफीन की मात्रा बढ़ जाती है, जो गर्भ में बच्चे के लिए सही नहीं माना जाता।

कौन सी कॉफी कितने काम की?

  • आप किस तरह की कॉफी बनाते हैं, डार्क या हल्की? कॉफी बीन्स को ग्राइंड करके या नॉर्मल? इन तरीकों से कॉफी के टेस्ट पर फर्क पड़ता है। लेकिन अमेरिकी नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट में सीनियर रिसर्चर नियल फ्रीडमैन कहती हैं कि कॉफी बनाने के तरीके से इससे होने वाले फायदों पर भी फर्क पड़ता है। कितना फर्क पड़ता है, अभी इस पर अध्ययन जारी है।
  • फ्रीडमैन उदाहरण देते हुए बताती हैं कि बहुत से लोग कॉफी बीन्स को रोस्ट करके कॉफी बनाते हैं, जो कॉफी से क्लोरोजेनिक एसिड की मात्रा को कम कर देता है। एस्प्रेसो कॉफी में पानी का बहुत कम इस्तेमाल किया जाता है, जिससे उसमें कॉफी के कंपाउंड्स की मात्रा बहुत ज्यादा होती है।

तेजी से कॉफी बनाकर पीने से ज्यादा एसिड बनता है

जामा इंटरनल मेडिसिन ने ब्रिटेन में 5 लाख लोगों की कॉफी हैबिट का अध्ययन किया। इसमें पाया कि अलग-अलग तरीकों से कॉफी बनाकर पीने से लोगों में कोई बड़ा फर्क नहीं पड़ा, लेकिन तेजी से कॉफी बनाकर पीने (क्विक कॉफी) से लोगों में ज्यादा एसिड बनता दिखा। स्टडी में शामिल असिस्टेंट प्रोफेसर सी. कोर्नेलिस के मुताबिक अलग-अलग तरीकों से कॉफी बना कर पीने से कोलेस्ट्रॉल लेवल ऊपर-नीचे हो सकता है।

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