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गाजीपुर बॉर्डर पर बिजली काटने पर किसान नेता टिकैत ने गुस्से में क्या कहा जाने

26 जनवरी को दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली में हिंसा को लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के खिलाफ FIR हो चुकी है। लेकिन, उनके तेवर नहीं बदले हैं। टिकैत ने अब सरकार को धमकी भरे लहजे में चेतावनी दी है। क्योंकि, गाजीपुर बॉर्डर पर बुधवार रात 8 बजे बिजली काटने से टिकैत गुस्सा हो गए।

टिकैत ने कहा कि ‘सरकार दहशत फैलाने का काम कर रही है। इस तरह की कोई भी हरकत पुलिस-प्रशासन न करे। अगर इस तरह की हरकत करेगा तो सारे बॉर्डर वहीं हैं। ठीक है…और वे किसान जो गांवों में हैं वहां पर उनको बता देंगे। फिर अगर कोई दिक्कत होती है तो वहां के जो लोकल के थाने हैं, किसान वहां पर जाएंगे। ये सरकार पूरी तरह ध्यान रख ले। इस तरह की कोई भी हरकत वहां होगी तो पूरी जिम्मेदारी सरकारों की होगी।’

बागपत में पुलिस ने देर रात किसानों को हटाया, लाठीचार्ज की सूचना
मंगलवार को ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद बुधवार सुबह से देर रात तक दिल्ली से लेकर UP तक की पुलिस एक्शन में दिखी। दिल्ली-सहारनपुर हाइवे पर UP के बागपत जिले के बड़ौत में 40 दिन से धरने पर बैठे किसानों को पुलिस ने आधी रात को हटा दिया।

खबर तो लाठीचार्ज होने और आंदोलन की कमान संभाल रहे ब्रजपाल सिंह की गिरफ्तारी की भी आई। हालांकि, इन दोनों बातों की पुष्टि नहीं हुई है। उधर, पुलिस की कार्रवाई के बाद बड़ौत के किसान आगे की स्ट्रैटजी बनाने के लिए आज पंचायत करेंगे।

दिल्ली हिंसा के बाद बिखरा किसान आंदोलन
दिल्ली की सीमाओं पर 2 महीने से शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा किसान आंदोलन मंगलवार की हिंसा के बाद बिखरता नजर आ रहा है। एक तरफ पुलिस उपद्रवियों और किसान नेताओं की घेराबंदी करने में जुटी है, तो दूसरी तरफ किसान संगठनों में फूट भी जगजाहिर हो गई। बुधवार शाम 4 बजे राष्ट्रीय मजदूर किसान संगठन और भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने अचानक ऐलान कर दिया कि वे आंदोलन से अलग हो रहे हैं।

इसके डेढ़ घंटे बाद ही खबर आ गई कि भानु गुट के किसानों ने चिल्ला बॉर्डर पर अपने टेंट हटाकर घर लौटने की तैयारी कर रहे हैं। इसके अलावा किसान संगठनों ने एक फरवरी का संसद मार्च टालने का ऐलान भी कर दिया।

लाल किले पर धार्मिक झंडा लगाने वाले की पहचान हुई
किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुए बवाल में सबसे ज्यादा चर्चा लाल किले की घटना की हो रही है। क्योंकि, रैली में शामिल प्रदर्शनकारी पुलिस का दिया रूट फॉलो न कर लाल किले पर पहुंच गए थे। वहां उन्होंने जमकर उत्पात मचाया और किले की प्राचीर पर धार्मिक झंडा भी लगा दिया। झंडा लगाने वाले एक युवक की अब पहचान हो गई है। वह पंजाब के तरनतारन के वां-तारा सिंह गांव का रहने वाला है, उसका नाम जुगराज सिंह (22) है। उसके दादा महल सिंह ने कहा है कि जुगराज 24 जनवरी को दिल्ली गया था। वह लाल किले पर कैसे पहुंचा और किसके कहने पर वहां केसरी झंडा चढ़ाया? यह उन्हें नहीं पता।

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