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कोविड-19 दूसरी लहर से बाधित अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने की कवायद – 6.29 लाख़ करोड़ का राहत पैकेज घोषित
वित्तमंत्री द्वारा अर्थव्यवस्था को 6.29 लाख करोड़ आर्थिक डोज़ सराहनीय – राहतों का लाभार्थियों को क्रियान्वयन की पारदर्शिता पर पैनी नजर रखना जरूरी – एड किशन भावनानी
गोंदिया – कोविड-19 नें भारत में जनहानि और भारतीय अर्थव्यवस्था को अत्यंत गंभीर क्षति पहुंचाई है। जिसे जीवन भर भुलाया नहीं जा सकता। हमने हमारे लाखों भारतीय परिवार के सदस्यों को खोया है जिनका स्थान नहीं भरा जा सकता,सिर्फ ऊपर वाले की रज़ा में राज़ी रहा जा सकता है। परंतु अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने और उसको फिर से मजबूती के साथ खड़ा करने के लिए बूस्टर डोज जरूर दिया जा सकता है, जो वित्त मंत्रालय द्वारा लगातार दिया जा रहा है। पिछले वर्ष कोविड-19 की पहली लहर में 20 लाख़ करोड़ रुपए और अब 2021 में 6.29 लाख़ करोड़ रुपए का बूस्टर डोज राहत पैकेज के रूप में दिया जा रहा है। सोमवार दिनांक 28 जून 2021 शाम को केंद्रीय वित्त मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस जो टीवी चैनलों के माध्यम से देखी गई और वित्त मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस रिलीज के अनुसार राहत पैकेजों को 8 क्षेत्रों में विभाजित कर उसका अध्ययन किया जा सकता है जो इस प्रकार है। आर्थिक राहत ईसीएलजीएल क्रेडिट गारंटी स्कीम, रजिस्टर्ड टूरिस्ट गाइड, ट्रैवल टूरिज्म स्केटहोल्डर को वित्तीय मदद, पहले 5 लाख़ विदेशी टूरिस्ट वीजा जारी करना, आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का विस्तार, कृषि संबंधी सब्सिडी और अंतिम आठवां प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना।…इसके अलावा वित्त मंत्री ने इससे जुड़े कुछ क्षेत्रों में भी राहत का ऐलान किया जिसमें एक, स्वास्थ्य से जुड़ी विशेष रूप से बच्चों के लिए जुड़ी स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च यह जाए जाएंगे जो 23230 करोड़ रुपए होंगे। दूसरा, कुपोषण से मुक्ति और किसानों की आय बढ़ाने केउपाय। तीसरा, नार्थ ईस्टर्न रीजनल एग्रीकल्चर मार्केटिंग कॉरपोरेशन को पैकेज तथा निर्यात को बढ़ाने के लिए बीमा कवर। पांचवा, डिजिटल इंडिया जिसमें हर गांव तक इंटरनेट पहुंचाना, ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचाना। छठवां, बड़ी इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के लिए पीएलआई स्कीम जिसमें इंसेंटिव दिया जाएगा। सातवां, बिजली सेक्टर में सुधार के लिए 3.03 लाख करोड़ रुपए इससे बिजली वितरण कंपनियों और बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया जाएगा। आठवां, पीपीपी प्रोजेक्ट एंड अमेंट मानेडाइजेशन इसके लिए नई पॉलिसी लाई जाएगी।…हम देखें तो बड़ी मेहनत और रणनीतिक रोडमैप बनाकर उपरोक्त राहत के उपाय लाए गए हैं, जिसमें हमारी अर्थव्यवस्था को फुल डोज़ देने की कोशिश की गई है और हर क्षेत्र के विकास का ध्यान रखा गया है। उपरोक्त जो 8 राहत दे दी गई है वह इस तरह है…। आर्थिक राहत पैकेज कोविड से प्रभावित सेक्टर के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपए की लोन गारंटी स्कीम। हेल्थ सेक्टर के लिए 50 हजार करोड़ रुपए, अन्य सेक्टर्स के लिए 60 हजार करोड़ रुपए। हेल्थ सेक्टर के लिए लोन पर 7.95 प्रतिशत सालाना से अधिक ब्याज नहीं होगा, अन्य सेक्टर्स के लिए ब्याज 8.25 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होगी। इसके कवरेज में जरूरत के हिसाब से बदलाव किया जाएगा, इमर्जेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम-ECLGS में 1.5 लाख करोड़ रुपए अतिरिक्त दिए जाएंगे। ECLGS 1.0, 2.0, 3.0 में अब तक 2.69 लाख करोड़ रुपए का वितरण।सबसे पहले इस स्कीम में 3 लाख करोड़ रुपए की घोषणा की गई थी। अब इस स्कीम का कुल दायरा 4.5 लाख करोड़ रुपए हो गया है।अब तक शामिल किए गए सभी सेक्टर्स को इसका लाभ मिलेगा, कोरोना की पहली लहर की वजह से देश में लगे संपूर्ण लॉकडाउन से आम आदमी से लेकर बड़े कारोबारी तक की आर्थिक स्थति डांवाडोल हो गई थी। राहत के लिए पिछले साल अक्टूबर में आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना लॉन्च की गई थी।अब इस आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का विस्तार किया जा रहा है। अब इस स्कीम को बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक किया जा रहा है। इस स्कीम के तहत अब तक करीब 21.42 लाख लाभार्थियों के लिए 902 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। बता दें इस स्कीम के तहत सरकार 15 हजार से कम वेतन वाले कर्मचारियों और कंपनियों के पीएफ का भुगतान करती है। इसके तहत सरकार कर्मचारी-कंपनी का 12 प्रतिशत-12 प्रतिशत पीएफ का भुगतान करती है। क्रेडिट गारंटी स्कीम के तहत छोटे कारोबारी, इंडिविजुअल एनबीएफसी, माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूट से 1.25 लाख तक का लोन ले सकेंगे। इसका मुख्य मकसद नए लोन को वितरण करना है। इस पर बैंक के एमसीएलआर पर अधिकतम 2 प्रतिशत जोड़कर ब्याज लिया जा सकेगा। इस लोन की अवधि 3 साल होगी और सरकार गारंटी देगी।इस स्कीम का लाभ करीब 25 लाख लोगों को मिलेगा। 89 दिन के डिफॉल्टर समेत सभी प्रकार के उधार लेने वाले इसके लिए योग्य होंगे। कोरोना की मार से टूट चुके टूरिज्म सेक्टर के लिए वित्त मंत्री ने राहत देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार पहले 5 लाख विदेशी टूरिस्ट वीजा मुफ्त जारी करेगी। यह स्कीम 31 मार्च 2022 तक लागू रहेगी। इस स्कीम के तहत 100 करोड़ रुपए की वित्ती सहायता दी जाएगी। एक टूरिस्ट को केवल एक बार स्कीम का लाभ मिलेगा।विदेशी टूरिस्टों को वीजा की अनुमति मिलते ही इस स्कीम का लाभ मिलेगा। करीब 1.93 करोड़ विदेशी टूरिस्ट 2019 में भारत आए थे। कोविड महामारी से प्रभावित रजिस्टर्ड टूरिस्ट गाइड और ट्रेवल टूरिज्म स्टेकहोल्डर्स को सरकार वित्तीय मदद देगी। इसमें लाइसेंधारी टूरिस्ट गाइड को 1 लाख रुपए और टूरिस्ट एजेंसी को 10 लाख रुपए का लोन दिया जाएगा। इस लोन को 100 प्रतिशत गारंटी दी जाएगी। इस लोन पर कोई प्रोसेसिंग चार्ज नहीं होगा। किसानों की बात करें तो इसके तहत देश के किसानों को 14,775 करोड़ रुपए की अतिरिक्त सब्सिडी दी गई है। इसमें 9125 करोड़ रुपये की सब्सिडी केवल डीएपी पर दी गई है। वहीं, 5650 करोड़ रुपए की सब्सिडी एनपीके पर दी गई है।रबी सीजन 2020-21 में 432.48 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदारी की गई है। जबकि, अब तक किसानों को 85,413 करोड़ रुपए सीधे दिए गए हैं। पिछले 26 मार्च 2020 को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की घोषणा की गई थी। इसके तहत कोविड से प्रभावित गरीबों की मदद मुफ्त अनाज दिया जाता है। शुरुआत में इस स्कीम का लाभ अप्रैल से जून 2020 के दौरान मिला था। इसके बाद इसे बढ़ाकर नवंबर 2020 तक लागू कर दिया था। वहीं कोरोना की दूसरी लहर आई तो मई 2021 में इस स्कीम को फिर से लॉन्च किया गया। इस स्कीम के तहत करीब 80 करोड़ लोगों को 5 किलो अनाज नवंबर 2021 तक मुफ्त दिया जाएगा। बता दें, कृषि से संबंधी सब्सिडी और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पुरानी योजनाएं हैं।…अब सरकार का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है कि उपरोक्त राहतों योजना जिसके लिए फंड लोकेशन किया गया है उन्हें सुचारू था और पैनी नजर से क्रियान्वयन कराना होगा क्योंकि यह बात हम सभको याद रखनी है कि हमें हमारे भारत के अर्थव्यवस्था को 5 करोड़ ट्रिलियन अमेरिकन डॉलर की अर्थव्यवस्था में ले जाना है यह हमारा लक्ष्य है जिसे हिम्मत सहकार्य जज्बे और सब के सहयोग से पूर्ण करना है। अतः उपरोक्त पूरे विवरण का अगर हम अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम देखेंगे कि कोरोना महामारी से बाधित अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने की कवायद माननीय वित्त मंत्री द्वारा राहत पैकेज के माध्यम से की गई है जो सराहनीय है ध्यान बस इतना रखना है कि राहतों का क्रियान्वयन लाभार्थियों को पारदर्शिता पूर्ण हो जिस पर पैनी नजर रखना जरूरी है।
-संकलनकर्ता- कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र