संगीत में सुरो की साधना बेहद ज़रूरी
(अभय पाण्डेय) कुशीनगर:- नगर पंचायत सेवरही जानकी नगर वार्ड नंबर 2 के निवासी अरविंद विश्वकर्मा की छः संतानों में चौथे नंबर की सबसे होनहार बेटी आज संगीत के क्षेत्र में अपने जनपद व क्षेत्र का नाम रोशन कर रही है। भजन व लोकगीत की गाईका ऋषिका विश्वकर्मा सुगम संगीत के साथ साथ लोक संगीत के विलुप्त विधाओं को सहजने का कार्य आज उच्च स्तर पर भी कर रही हैं। बचपन से ही मेधावी व पढ़ने में होनहार रही ऋषिका विश्वकर्मा ने पढाई के साथ-साथ संगीत का शौक उन्हें बचपन से ही रहा। अध्ययन काल के समय से ही विद्यालय के हर सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर अपने जुनून व पढाई को उच्य स्तर तक पहुंचाया.. लोकमान्य इंटर कॉलेज से विज्ञान वर्ग छात्रा रहते हुए अच्छे अंको से हाई स्कूल व इंटरमीडियट की परीक्षा उत्तीर्ण की। तत्पश्चात स्नातक की पढाई वैष्णवी नग् र तमकुही राज में स्थित विद्यावती देवी महाविद्यालय से विज्ञान वर्ग की छात्रा रहते हुए बी०एस०सी की पधाई पूरी कर आज अपना पूरा ध्यान सुगम संगीत के साथ विलुप्त होती जा रही लोक संगीत की प्राचीन विधाओं को पुनर्जिवित करने का संकल्प के साथ संगीत की तालीम अच्छे संगीतग्यों से हासिल कर रही है। भजन व लोक सिंगर के रूप में अपने संगीत यात्रा के अनुभव को बताते हुए ऋषिका बताती हैं लाइफ में कुछ युनिक होना बेहद जरूरी है तभी लोग आपको पसन्द करेंगे, और आपके सक्सेस को पहचानेंगे पैशन के साथ हार्ड वर्क करने से ही सफलता मिलती हैं.. सुगम संगीत व लोक गीत गाईका के रूप में ख्याति प्राप्त ऋषिका विश्वकर्मा अब तक कुशीनगर महोत्सव, राष्ट्रीय युवा खेल व सांस्कृतिक महोत्सव के कार्यक्रमों में विशेष रूप प्रस्तुति देने पर अतिथि कलाकार के रूप में सम्मानित हो चुकी हैं।