योगी राज में तथाकथित बहुप्रचारित राम राज के बहाने उ0प्र0 को बनाया जहरीली शराब राज – अजय कुमार लल्लू
लखनऊ 04 अप्रैल, 2021
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू ने प्रदेश में जहरीली शराब से हो रही मौतों व उजड़ते परिवारों के लिये भारतीय जनता पार्टी की योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पिछले 4 वर्षों में जहरीली शराब पीने से लगभग चार सौ मौतों के बाद आबकारी अधिनियम 1910 में संशोधन के अतिरिक्त शराब माफियाओं के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करने से परहेज करते हुए मात्र जबानी जमा खर्च करती चली आ रही है। योगी सरकार के संरक्षण में दस हजार करोड़ का समानान्तर अवैध शराब कारोबार चल रहा है। मा0 उच्च न्यायालय द्वारा 12 अप्रैल 2017 को यह आदेश पारित किया है कि प्रदेश में जहरीली शराब कारेाबार को रोकने व इसकी बिक्री करने वालों के विरूद्ध आजीवन कारावास, गैंगेस्टर व मृत्यु दण्ड जैसे सख्त दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू ने कहा कि दूरदराज के ग्रामीण इलाकों के जनपदों की छोड़िए, सरकार की नाक के नीचे राजधानी व उससे सटे जनपदों में भी योगी सरकार जहरीली शराब के कारोबार से हुई मौतों को रोकने में नाकाम रही है। शराब माफिया अन्य प्रान्तों से अवैध शराब की तस्करी कर भारी मुनाफा कमा रहे हैं और लगभग 10 हजार करोड़ के अवैध कारोबार को संचालित कर रहे हैं।
सरकार के संरक्षण में आबकारी विभाग, पुलिस व शराब माफियाओं का तंत्र पैसों के लालच में जहरीली शराब की बिक्री कर मौत बांटने का काम कर रहे हैं वहीं सरकार मात्र आबकारी राजस्व के मुनाफे से फूली नहीं समा रही है। अपराध नियंत्रण में पूरी तरह विफल योगी सरकार की जहरीली अवैध शराब बिक्री को रोकने की झूठी कवायद मौतों के आंकड़े के आधार पर खुद ब खुद स्पष्ट हो जाती है कि उसकी नीयत अवैध शराब कारोबार को प्रोत्साहन व शराब माफियाओं व ऐसे नापाक गठजेाड़ को संरक्षण देने की है। दूसरे प्रान्तों में जाकर प्रचार में व्यस्त मुख्यमंत्री जी के खुद के प्रदेश में ध्वस्त कानून व्यवस्था, अवैध एवं जहरीली शराब से आम जनता जान गंवा रही है और योगी जी अपनी झूठी प्रसंशा के पुल बांधते रहते हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू ने सरकार पर आरोप जड़ते हुए कहा कि जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद तमाम घोषणाएं करने आबकारी अधिनियम 1910 में संशोधन कर बिक्रेताओं के विरुद्ध मृत्युदण्ड तक का प्रावधान करने के बाद हर घटना के बाद विशेष जांच टीम गठित करने प्रभावी विधिक कार्यवाही की जुमलेबाजी करती है किंतु अपने शासनकाल में एक भी शराब माफिया को सजा नही दिलवा पाना और घटना की लीपापोती करना यह साबित करता है कि आबकारी, पुलिस व शराब माफियाओं के नेक्सस को योगी सरकार का पूरा वरदहस्त प्राप्त है। जहरीली शराब से हृदय विदारक मौतों व उनके परिवारजनों की चीखों के बाद सरकार का हर बार रटा-रटाया जवाब सामने आता है कि ‘जांच रिपोर्ट मिलने के बाद कड़ी कार्रवाई होगी’। हालांकि, आगे क्या कार्रवाई होती है इसका पता तो अभी तक नही चल पाया है आगे पता चलेगा भी अथवा नहीं, यह अनुमान भी ठीक से नहीं लगाया जा सकता।
उंन्होने कहा की सरकार के संरक्षणवादी लचर रवैये की वजह से अवैध व जहरीली शराब का कारोबार प्रदेश में लोगों की जिन्दगियां लील रहा है। चित्रकूट में जहरीली शराब के कारोबार और उसमें संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही के लिए सत्तारूढ़ दल के विधायकों, मंत्रियों और पदाधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री केा पत्र लिखने के बावजूद आबकारी विभाग के प्रमुख अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी और चित्रकूट में 7 लोगों की जान चली गयी। 2017 से अब तक जिनमें 2 अप्रैल 2021 को बदायूं में 4 लोगों की मौत, 31मार्च 2021 को प्रतापगढ़ में 6 लोगों की मौत, 16 मार्च 2021 को प्रयागराज में 9 लोगों की मौत, 8 जनवरी 2021 बुलन्दशहर में 5 लोगों की मौत, दिसम्बर 2020 फिरोजाबाद में दो मजदूरों की मौत, 21 नवंबर 2020 में प्रयागराज में 6 लोगों की मौत, 24 नवम्बर 2020 लखनऊ में 6 लोगों की मौत, अकेले सहारनपुर में 2019 में 38 लोगों की मौत, फरवरी 2019 में ही सहारनपुर में 100 से अधिक लोगों की मौत, मेरठ में 18 और इसी वर्ष कुशीनगर में 8 लोगों की मौत, 2018 में कानपुर नगर और देहात में 19 मई 2018 को 16 लोगों की मौत, बाराबंकी में 9 लोगों की मौत, 20 मई 2018 को कानपुर के रूरा में 9 लोगों की मौत की बड़ी वारदातों के बाद भी योगी सरकार द्वारा सख्त कदम न उठाना कहीं न कहीं सरकार और अवैध शराब कारोबारियों के बीच दुरभिसंधि की ओर इशारा करता है।
श्री अजय कुमार लल्लू ने कहा कि शराब माफियाओं ने समय-समय पर पुलिसकर्मियों पर भी प्राणघातक हमला किया है। एटा के कासगंज में 10 फरवरी 2021 को अवैध शराब कारोबारियों ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया जिसमंे एक पुलिस सब इंसपेक्टर की दुःखद मौत हो गई और एक सिपाही गंभीर रूप से घायल हो गया था। 3 अप्रैल 2021 में सीतापुर में अवैध शराब कारेाबारियों ने पुलिस टीम पर हमला किया जिसमें देा पुलिसकर्मी घायल हुए। इसी तरह 30 मार्च 2021 को मथुरा में, 28 मार्च 2021 को मैनपुरी में पुलिस पार्टी पर जहरीली शराब के कारोबारियों ने प्राणघातक हमला किया।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आखिर मुख्यमंत्री जी अवैध शराब के कारोबारियों, शराब माफियाओं, अवैध शराब की बिक्री करने वालों एवं इनके इस गठजोड़ के विरूद्ध सख्त कार्यवाही क्यों नहीं कर रहे हैं? आखिर अवैध शराब कारोबारियों को क्येां बचा रही है सरकार?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अवैध ,जहरीली शराब से हो रही मौतों के बाद सरकार मूल सवालों के जवाब नहीं देती कि आखिर गांवों में जहरीली शराब आती कहां से है? इसके पीछे किन लोगों का हाथ है? क्या आबकारी और स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से यह धंधा फल-फूल रहा है? क्या जहरीली शराब से होने वाली मौतें रोकने के लिए कितने ठोस कदम उठाए गए? कितने शराब माफियाओं को सजा दिला पायी? क्या आबकारी और पुलिस विभाग को गांवों में चल रहीं कच्ची शराब की भट्ठियों की कोई जानकारी नहीं है? क्या गैर प्रान्त से आने वाली अवैध शराब के सम्बंध में कोई जानकारी नही है उपरोक्त मूल प्रश्नों के उत्तर सरकार देने से क्यों कतराती है?
श्री अजय कुमार लल्लू ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रेकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों व नशामुक्त अभियान में लगी स्वयंसेवी संस्था द्वारा करवाए गए विश्लेषण की मानें तो देश में शराब से प्रतिदिन 15 लोगों की मौत होती है जिसमे उत्तर प्रदेश से सर्वाधिक मौतें जहरीली शराब पीने से होती है। इनमें जहरीली शराब पीने से होने वाली मौतों की संख्या 70प्रतिशत के करीब है। उत्तर प्रदेश सीमावर्ती गांव हो या जनपद या अन्य जनपद के ग्रामीण इलाकों के साथ साथ सत्ता
के संरक्षण में फलफूल रहा शराब के अवैध कारोबारी औद्योगिक एरियाज में खुले आम जहरीली शराब निर्मित कर मौत बांटने में लगे है,राज्य की राजधानी लखनऊ सहित बाराबंकी, रायबरेली, उन्नाव, अयोध्या, गोरखपुर, कुशीनगर, चित्रकूट, आजमगढ़, प्रतापगढ़, सहारनपुर, बुलंदशहर, महोबा, फिरोजाबाद, प्रयागराज, कानपुर नगर व देहात सहित पूरे प्रदेश में जहरीली शराब से हो रही मौतों को रोकने में नाकाम योगी सरकार सिर्फ अपनी पीठ थपथपा रही है कि आबकारी राजस्व 26,000 करोड़ प्राप्त किया किन्तु जहरीली शराब से हो रही मौतों में कितने दोषियों को सजा दिलायी? क्या कार्यवाही की उसके द्वारा गठित विशेष जांच दलों की रिपोर्ट मिली या नहीं? यदि मिली तो उसके सम्बन्ध में क्या प्रभावी कदम उठाए गए? वह सिर्फ झूठे आंकड़े पीआर ब्रांडिंग क्रीड़ा में मस्त है और अवैध शराब माफियाओं को जहरीली शराब के उत्पादन विक्रय के लिये खुली छूट देकर लोगो को मरने व मृतको के परिवार को उजड़ते हुए देख रही है।
उन्होंने कहा कि योगी सरकार अवैध और जहरीली शराब से हुईं मौतों के लिए अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती, इन दुखद मौतों के लिए सीधे तौर पर योगी सरकार जिम्मेदार है।
पत्रकारवार्ता में राष्ट्रीय सचिव श्री धीरज गुर्जर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि उ0प्र0 में जो शराब से मौतें हुई हैं उसकी स्वंत्रत न्यायिक एजेंसी से जांच कराई जाए और जो भी संलिप्त पाये जाते हैं उनके विरूद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कराया जाए और इन मौतों पर तत्काल सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट करे एवं जनता के सामने सार्वजनिक करे। अन्यथा कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर सड़कों पर उतरेगी जिसकी सारी जिम्मेदारी योगी सरकार की होगी।