बाराबंकी, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में सोमवार को 19 वर्षीय विवाहिता की नृशंस हत्या का दी गई। मृतका का शव गांव के बाहर निकली डबल रेलवे लाइन के बीच पड़ा मिला। गला रेतकर मारी गई विवाहिता के कपड़े भी अस्तव्यस्त थे, जिससे उसके साथ दुष्कर्म की आशंका जताई जा रही है। आने वाली नवरात्रि में विवाहिता का गौना होना था। घटना स्थल पर टूटी चूंडियां और रेलवे स्टेशन में पड़ी सीमेंट की बेंच पर बिखरा खून उसके संघर्ष की दास्तां बयां कर रहे हैं। घर से करीब 500 मीटर दूर रेलवे ट्रैक के बीच मिला विवाहिता का शव: मामला मसौली के कोटवा गांव का है। यहां की निवासी 19 वर्षीय युवती का विवाह 21 दिसंबर 2020 हुआ। गौना न होने के चलते मायके में ही विवाहिता रह रहा थी। सोमवार सुबह करीब चार बजे अपना मोबाइल चार्जिंग पर लगाकर विवाहिता शौच के लिए घर से करीब 500 मीटर दूर गई थी, इसके बाद वह वापस नहीं आई। कुछ दूर बाद विवाहिता का शव बाग के निकट रफीनगर रेलवे स्टेशन पर दोनों रेलवे ट्रैक के बीच पड़ा मिला। सूचना पर जीआरपी, जहांगीराबाद और मसौली पुलिस पहुंची। विवाहिता के गले को चाकू से कई बार रेता गया था और उसके कपड़े अस्त-व्यस्त थे। कुछ दूरी पर रेलवे की पड़ी सीमेंट की बेंच के पास खून से सना मृतका का दुपट्टा और पास में ही हत्या में प्रयुक्त खून लगा चाकू व घर से लाई विवाहिता की बोतल मिली। सूचना पर एएसपी अवधेश सिंह भी पहुंचे और डाग स्क्वायड बुलाया गया। मृतक के पिता किसी पर शक होने से इन्कार कर रहे हैं। फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। घटना स्थल से करीब 500 मीटर दूर ही हउज गांव में भी खून और लौग पड़ी मिली है।एएसपी ने बताया कि मृतका के पिता की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। जांच चल रही है और जल्द ही वारदात का राजफाश होगा।
लखनऊ, प्रयागराज के चर्चित जीवन ज्योति अस्पताल के संचालक डॉ. अश्वनी कुमार बंसल हत्याकांड का स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सोमवार को राजफाश करने का दावा किया है। एसटीएफ का कहना है कि प्रयागराज जेल में आलोक सिन्हा और कुख्यात दिलीप मिश्रा ने डॉ. अश्वनी कुमार बंसल की हत्या की साजिश रची थी। इसी जेल में बंद कुख्यात अख्तर कटरा ने तीन शूटर उपलब्ध कराए थे। एसटीएफ ने एक शूटर शोएब को लखनऊ के चिनहट इलके से गिरफ्तार कर लिया है। प्रतापगढ़ के निवासी अपराधी शोएब पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था। एसटीएफ ने उसके पास से एक पिस्टल और कारतूस भी बरामद की है।
एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि प्रयागराज जेल में आलोक सिन्हा और कुख्यात दिलीप मिश्रा ने जीवन ज्योति अस्पताल के संचालक डॉ. अश्वनी कुमार बंसल की हत्या की साजिश रची थी। एक शूटर यासीर की इस घटना में शामिल मकसूद और शोएब सुपारी की रकम को लेकर हुए विवाद में पहले ही हत्या कर चुके हैं। आलोक सिन्हा ने डॉक्टर बंसल के बेटे अर्पित का न्यूरो सर्जरी में दाखिला करने के नाम पर 55 लाख रुपये हड़पे थे, जबकि दिलीप का उनसे जमीन को लेकर विवाद चल रहा था।
12 जनवरी, 2017 की शाम बेखौफ बदमाशों ने 59 वर्षीय जीवन ज्योति अस्पताल के निदेशक व प्रसिद्ध सर्जन डॉ. एके बंसल की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उनके चैंबर में घुसकर हमलावर ने पिस्टल से तीन गोलियां चलाईं, जिसमें दो सिर में लगीं थीं। डॉ. एके बंसल जब रामबाग स्थित अस्पताल में मरीज देख रहे थे तभी पैंट-शर्ट और जैकेट पहने एक शूटर पहुंचा। उसका साथी बाहर ही रुक गया। सफेद मफलर पहने शूटर ने करीब पहुंच कर पिस्टल से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इससे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई थी। डॉक्टरों ने एके बंसल को काफी बचाने का प्रयास किया, लेकिन उनकी मौत हो गई थी।