तकनीक की मदद से ही गांवों तक खोले जा सकते हैं अच्छी शिक्षा के दरवाजे
- नई शिक्षा नीति पर केन्द्रित सेमिनार ‘एजुकेशन रिअमेजिन्ड’ में शिक्षा में वक्ताओं ने तकनीक के इस्तेमाल पर दिया जोर
- शिक्षा में सुधार के सरकारी प्रयासों को सफल बनाने में सबको जुटना होगा: आलोक रंजन
- दूर दराज के गांवों तक तकनीक के सहारे पहुंच सकती है क्वालिटी एजुकेशन: मुकेश पाण्डेय
- विश्वगुरु एजुकेशन अकादमी पढ़ाई के साथ-साथ चरित्र निर्माण पर भी दे रही जोर : अविनाश पाण्डेय
- पढ़ाई के साथ साथ भारतीयता और गौरवशाली परम्पराओं से भी परिचय कराते हैं विश्वगुरु एजुकेशन अकादमी के एजुकेशन टूल्स
लखनऊ। शिक्षा एक ऐसा हथियार है जिससे सभी बुराइयों से लड़ा जा सकता है। सरकार भी नई शिक्षा नीति के तहत दूर दराज के गांवों तक के बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाने का हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार के इन प्रयासों को कैसे सफल बनाया जाये इस पर हम सभी को न सिर्फ सोचना है बल्कि आगे बढ़कर कुछ योगदान भी देना है। शिक्षा में सुधार के सरकारी प्रयासों को सफल बनाने में हमसबको जुटना होगा। नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए विश्वगुरु एजुकेशन एकेडमी के एजुकेशन टूल्स काफी मददगार साबित होंगे। दूरदराज के गांवों में अच्छी शिक्षा के दरवाजे तकनीक की मदद से खोले जा रहे हैं। यह बातें पूर्व मुख्यसचिव व लेखक आलोक रंजन ने शनिवार को गोमतीनगर स्थित होटल हिल्टन गार्डन इन में आयोजित एक सेमिनार ‘एजुकेशन रिअमेजिन्ड’ में कही।
नई शिक्षा नीति के संदर्भ में विश्वगुरु एजुकेशन अकादमी द्वारा ‘एजुकेशन रिअमेजिन्ड’ शीर्षक से आयोजित इस सेमिनार में मुख्य अतिथि के तौर पर उन्होंने कहाकि उम्मीद ही नहीं विश्वास भी है कि विश्वगुरु एजुकेशन एकेडमी के एजुकेशन टूल्स से बच्चों में पढ़ाई के साथ साथ भारतीयता की भावना भी पैदा होगी और वो अपनी परम्पराओं व संस्कारों से आसानी से परिचित होंगे। उन्होंने कहा कि विश्वगुरु एजुकेशनल एकेडमी एडवांस टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर भारतीय मूल्यों पर आधारित शिक्षा प्रणाली को विकसित कर रही है, यह प्रशंसनीय है। नैतिक मूल्यों और आधुनिक सोच पर केन्द्रित ऐसी शिक्षा से हम समाज में सुखद बदलाव ला सकते हैं।
संगोष्ठी में विश्वगुरु एजुकेशनल एकेडमी के संस्थापक मुकेश पाण्डेय ने कहाकि वो बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा देने के लिए सरकारें प्रयासरत हैं। सरकार की नई शिक्षा नीति भी बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के सपने दिखाती है। सरकार की शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए विश्व गुरु एजुकेशनल एकेडमी ने बच्चों के लिए एजूकेशन टूल्स बनाए हैं। यह एजूकेशन टूल्स बच्चों को न सिर्फ पढ़ाई में आगे रखेंगे बल्कि उन्हें अपने संस्कारों परम्पराओं व गौरवशाली अतीत से परिचय भी करायेंगे। प्रकृति के महत्व को अपने क्लासरूम में वो खेल खेल में ही समझ जायेंगे।
मुकेश बताते हैं कि उन्होंने महसूस किया कि बच्चों को जिस स्तर की शिक्षा की आवश्यकता है वो उनसे अभी काफी दूर है। क्वालिटी एजुकेशन बहुत महंगी होने के कारण आम आदमी की पहुंच से बाहर है लेकिन विश्वगुरु ने स्टूडेंट टूल्स के माध्यम से क्वालिटी एजुकेशन को बेहद कम मूल्य में समाज के अंतिम छोर तक पहुंचाने का संकल्प लिया है। विश्वगुरु के एजुकेशन टूल्स बच्चों में व्यक्तिगत रूप से बौद्धिक व शारीरिक विकास भी करते हैं। बच्चों के आई क्यू को समय समय पर चेक कर उनकी बौद्धिक क्षमता का विकास करने के लिए भी अकादमी के एजुकेशन टूल्स बेहद उपयोगी हैं। विश्वगुरु एजुकेशनल एकेडमी का सपना है कि भारत दुनिया में शिक्षा की महाशक्ति बने। शिक्षा के क्षेत्र में भारत प्राचीनकाल से ही दुनिया में सबसे आगे रहा है।
विश्व गुरु एजुकेशन एकेडमी के सह संस्थापक अविनाश पाण्डेय ने जोर देकर कहाकि भारतीय संस्कृति परम्पराओं, संस्कारों और भारतीयता पर विशेष ध्यान देता है। बच्चों में क्वालिटी एजुकेशन के साथ चरित्र निर्माण का होना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहाकि तेजी से आगे बढ़ रही दुनिया और प्रतिस्पर्धा के इस दौर में हम अपने बच्चों को विश्व का नेतृत्व करने के लिए तैयार कर रहे हैं। विश्व गुरु एजुकेशन एकेडमी का सपना हर बच्चे तक क्वालिटी एजुकेशन पहुंचाना है। हम अपने सपने को पूरा करने के लिए लगातार आगे बढ़ रहे हैं।
विश्व गुरु एजुकेशन एकेडमी के संस्थापकों ने बताया कि एकेडमी पढाई में तकनीक का इस्तेमाल इस प्रकार कर रही है कि बच्चा किसी भी स्थान से अपनी पढाई सम्बन्धी जिज्ञासा शांत कर सके। टेक्नोलॉजी के माध्यम से पढ़ाई का तरीका बदलने जा रहा है। विश्व गुरु एजुकेशन एकेडमी के एजुकेशन टूल्स में किताबों की भी अहम भूमिका है। नई शिक्षा नीति में जो भी प्रमुख बाते हैं उन सबका ध्यान रखते हुए ही एकेडमी ने स्टूडेंट टूल्स बनाये हैं जिसे स्कूल व बच्चे अपनी अपनी जरूरतों के अनुसार इस्तेमाल कर सकते हैं। यह बच्चों व शिक्षकों के बीच बेहतर तालमेल बैठाते हुए निर्धारित पाठ्यक्रमों को आगे बढ़ाते हैं।विश्वगुरु एजुकेशन अकादमी के एजुकेशन टूल्स पढ़ाई के साथ साथ भारतीयता और गौरवशाली परम्पराओं से भी परिचय कराते हैं।
विश्वगुरु एजुकेशनल एकेडमी के इस सेमिनार में आईआईएम लखनऊ के प्रोफेसर देबाशीष दास गुप्ता, बीएचयू में संस्कृत के प्रोफेसर शारदिन्दु कुमार त्रिपाठी, लखनऊ विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर अरविंद मोहन, शिक्षाविद मदीहा अहमद, कैरियर कोच और शिक्षाविद शुभंकर भट्टाचार्य और वीईए के मेंटर कौशिक भट्टाचार्य जी ने भी शिक्षा में आ रही चुनौतियों पर अपने विचार व्यक्त किए।कार्यक्रम के दौरान विश्वगुरु एजुकेशनल एकेडमी के एजुकेशन टूल्स और भविष्य की योजनाओं के बारे में भी बताया गया कि कैसे एडवांस तकनीक के इस्तेमाल से परम्परागत शिक्षा का चेहरा बदल जायेगा। किस प्रकार क्वालिटी एजुकेशन सस्ती होगी जो हर किसी की पहुंच में होगी। विश्वगुरु एजुकेशनल एकेडमी के एजुकेशन टूल्स कैसे दूरदराज के गांवों में बैठे बच्चे को आधुनिक शिक्षा से जोड़ेंगे।
विश्वगुरु एजुकेशनल एकेडमी की भावी योजनाओं और अन्य राज्यों में अपनी मौजूदगी को प्रजेंटेशन के जरिये दर्शकों को बताया। एकेडमी ने वहां मौजूद लोगों के सामने भविष्य की शिक्षा का खाका भी खींचा। विश्वगुरु एजुकेशनल एकेडमी के इन प्रयासों को वहां मौजूद सभी लोगों ने सराहा। विश्व गुरु एजुकेशनल एकेडमी के एजुकेशन टूल्स न सिर्फ छात्रों बल्कि अध्यापकों व स्कूल प्रबंधकों के लिए भी बेहद उपयोगी हैं। कार्यकम के दौरान मीडिया व अध्यापकों, छात्रों और मौजूद मेहमानों के एजुकेशन टूल्स को लेकर सभी जिज्ञासाओं का समाधान एकेडमी के संस्थापक मुकेश पाण्डेय ने किया। समारोह के अंत में सभी मेहमानों का एकेडमी के सह संस्थापक अविनाश पाण्डेय ने आभार व्यक्त किया।