गांधी भवन प्रेक्षागृह में पोषण गोष्ठी सम्पन्न, जिलाधिकारी ने सभी को मोटे अनाज के लाभ के विषय में दी जानकारी।
ब्यूरो रिपोर्ट,पब्लिक की लहर
शाहजहाँपुर/ बाल विकास विभाग, शाहजहांपुर के तत्वाधान में पोषण पखवाड़ा अभियान के अंतर्गत आज सहयोगी विभागों के साथ पोषण गोष्ठी का आयोजन गांधी भवन प्रेक्षागृह में किया गया। गोष्ठी का मुख्य विषय ‘‘मोटा अनाज (मिलेट) एवं इसकी उपयोगिता‘‘ रहा। इस अवसर पर विभिन्न विभागों द्वारा स्टाल लगाकर लोगों को पोषण में मोटे अनाज की उपायोगिता तथा अन्य विषयों पर जानकारी दी गयी। आंगनबाड़ी केंद्रों के नन्हे-मुन्ने बच्चों द्वारा कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। जिलाधिकारी ने प्रस्तुति की प्रशंसा करते हुए पुरस्कार स्वरूप उपहार भी दिए गए। उन्होने एफपीओ के प्रतिनिधियों को बाजरे की किट का भी वितरण किया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी उमेश प्रताप सिंह द्वारा पोषण के संबंध में किए जा रहे कार्यों तथा आम जनमानस में आहार संबंधी आदतों में बदलाव हेतु आंगनबाड़ी कार्यकर्ती/कार्यकर्ताओं द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए अपेक्षा की गयी कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों के वृद्धि की निगरानी किए जाने हेतु वजन मशीनें, लंबाई-ऊंचाई नापने की मशीन, पोषाहार की सुविधा विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाती है, सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मन लगाकर बच्चों की ग्रोथ मॉनिटरिंग, गर्भवती महिलाओं को परामर्श एवं सैम मैम बच्चों को अनिवार्य रूप से पोषाहार उपलब्ध कराने हेतु अपना योगदान दें। जिलाधिकारी सिंह ने कहा कि आंगनवाडी आधारभूत इकाई है और सामाजिक परिवर्तन एवं व्यवहार परिवर्तन हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होने कहा कि आरबीएसके के माध्यम से दिव्यांग बच्चों के ईलाज हेतु कार्य किये जा रहे है। इसके लिये आंगनवाड़ी केन्द्रो एवं विद्यालयों से दिव्यांग बच्चों की सूची का संकलन भी कराया जा रहा है। जिलाधिकारी ने आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को आश्वस्त करते हुये कहा कि उनके सेवा सम्बन्धित समस्याओं को निस्तारण समय से कराया जा रहा है।
मोटे अनाज की उपयोगिता के विषय में जिलाधिकारी ने कहा कि स्वस्थ जीवन शैली के लिये मोटा अनाज बहुत महत्वपूर्ण है। इसके प्रयोग से ताकत भी मिलती है तथा स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। फास्ट फूड एवं जंक फूड के दुष्प्रभाव के विषय में बताते हुये उन्होने कहा कि खान पान विगड़ने से बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। उन्होने कहा कि मोटे अनाज की उपयोगिता को देखते हुये प्रशासन स्तर पर इसके प्रचार प्रसार हेतु अभियान चलाया जा रहा है। सेना की मेस, पुलिस लाइन आदि में बनने वाले भोजन में मोटे अनाज को सम्मिलित किये जाने के सम्बन्ध में कार्यवाही की जा रही है। आंगनवाड़ी के केन्द्रों में भी मोटे अनाज का प्रयोग बढ़ाये जाने हेतु कार्य किया जा रहा है। उन्होने सभी एफपीओ के प्रतिनिधियों को भी कार्यक्रम में आगे आकर सहयोग करने हेतु अनुरोध किया।
उपनिदेशक कृषि धीरेंद्र सिंह, कृषि रक्षा अधिकारी, कृषि विज्ञान केंद्र से उपस्थित कृषि विशेषज्ञ एवं वैज्ञानिकों द्वारा मोटा अनाज के संबंध में विस्तार से अवगत कराया गया तथा मोटा अनाज की उपयोगिता, इसके चिकित्सीय फायदे आदि के बारे में विस्तार से बताया गया। गोष्ठी में बाल विकास विभाग के साथ-साथ सहयोगी विभागों द्वारा मोटा अनाज एवं मोटा अनाज से बने व्यंजनों के साथ ही वर्तमान में विभाग द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे पोषाहार से बने व्यंजनों, शिक्षण में सहायक सामग्री का प्रदर्शन तथा कृषि विभाग द्वारा मोटा अनाज हेतु बीजों से संबंधित प्रदर्शनी/महिला कल्याण विभाग द्वारा महिला सुरक्षा से संबंधित प्रदर्शनी भी लगाई गई।
गोष्ठी में उपनिदेशक कृषि प्रसार जिला विकास अधिकारी, कृषि विज्ञान केंद्र से विशेषज्ञ वैज्ञानिक एनपी गुप्ता डॉ नूतन डॉ विद्या, खाद एवं रसद विभाग, चिकित्सा विभाग के अधिकारी, कृषि रक्षा अधिकारी एफपीओ, गंगा समिति के पांडे , कमलेश बाल विकास परियोजना अधिकारी भावल खेड़ा, मुख्य सेविका किंचित रेखा पूनम एवं गीता तथा शुभम वर्मा, जिला कार्यक्रम कार्यालय से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन युगल किशोर सांगुडी बाल विकास परियोजना अधिकारी शहर द्वारा किया गया। गोष्ठी के समापन पर जिला कार्यक्रम अधिकारी अरविंद रस्तोगी द्वारा समस्त आगंतुकों तथा आयोजन में सहयोग करने वाले समस्त लोगों का धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया गया।