टिड्डी दल के प्रकोप की दशा मे जिला कृषि रक्षा अधिकारी विकास शुक्ल ने किसानों को सुझाव दिऐ
संवाददाता देवेन्द्र तिवारी की रिपोर्ट
पब्लिक की लहर संवाद उन्नाव 11 जून 2020
जिला कृषि रक्षा अधिकारी विकास शुक्ल ने किसान भाईयों को सूचित करते हुये अवगत कराया कि राजस्थान एवं पंजाब के विभिन्न क्षेत्रों में टिड्डी के प्रकोप के दृष्टिगत उ0प्र0 के राजस्थान, पंजाब एवं हरियाणा से सटे हुए जनपदों में टिड्डा के प्रकोप की सम्भावना बढ़ गयी है। टिड्डी दल का प्रकोप महामारी स्वरूप ग्रहण कर लेता है। अतः यह आवश्यक है कि जनपद में इसकी रोकथाम हेतु निरन्तर टिड्डी दल के आक्रमण की निगरानी की जाये। ताकि किसी भी स्तर के प्रकोप की दशा में समय से टिड्डी दल पर नियंत्रण पाया जा सके।
उन्होंने किसानों को टिड्डी दल के प्रकोप की दशा में उचित सुझाव एवं संस्तुतियों का अनुपालन करने हेतु कहा कि टिड्डी दल के प्रकोप की सूचना ग्राम प्रधान, लेखपाल, कृषि विभाग के प्राविधिक सहायकों एवं ग्राम पंचायत अधिकारी के माध्यम से जिला प्रशासन तक तत्काल पहुंचाये। टिड्डी के प्रकोप की दशा में एक साथ इकट्ठा होकर टीन के डब्बों, थालियों आदि को बजाते हुए शोर मचायें। शोर से टिड्डी दल आस-पास के खेतों में आक्रमण नहीं कर पायेंगे, चूंकि गर्मी का मौसम एवं बुलाई मिट्टी के प्रजनन एवं अण्डे देने हेतु सर्वाधिक अनुकूल होता है। अतः टिड्डी दल के आक्रमण से संभावित ऐसी मिट्टी वाले क्षेत्रों में जुताई करवा दें एवं जल भराव करा दे। ऐसी दशा में टिड्डी के विकास की संभावना कम हो जाती है।
उन्होंने कहा कि सूत्रों से पता चला है कि पंजाब में टिड्डी दल के नियंत्रण हेतु अग्निशमन (फायर ब्रिगेड) विभाग की भी सहायता ली गई थी। अतः टिड्डी दल के नियंत्रण हेतु प्रशासन के माध्यम से अग्निशमन (फायर ब्रिगेड) विभाग की भी सहायता ली जा सकती है। टिड्डी दल के न्यून्तम/मध्यम प्रकोप की दशा में कृषक भाई एक साथ मिलकर क्लोरेपाइरीफाॅस 20% (EC )का तीव्र छिड़काव करें। टिड्डी दल के नियंत्रण हेतु रसायन मैलाथियान 96%( ULV )का अत्यन्त प्रभावी होता है। परंतु इस रसायन के जन सामान्य को उपलब्धता न होने के कारण कृषक स्तर से इसका छिड़काव नहीं किया जा सकता हैं। यह रसायन टिड्डा नियंत्रण से संबंधित सरकारी तन्त्र को ही उपलब्ध हो सकता है इस लिए टिड्डी दल के आक्रमण की दशा में लोकस्ट कण्ट्रोल आर्गेनाइजेशन फरीदाबाद को एवं क्षेत्रीय केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र, लखनऊ को फोन नंबर 0522-2732063 पर सूचित करें। ताकि प्रशिक्षित व्यक्तियों एवं समुचित यंत्रों के माध्यम से नियंत्रण कराया जा सके।