भारत में तय टारगेट में से सिर्फ 64% लोगों ने ही वैक्सीन लगवाई,
भारत में 16 जनवरी से दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू हुआ है। पहले फेज में हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जा रही है। लेकिन, अब तक आठ दिन में 15.37 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई गई है। यह तय टारगेट का सिर्फ 64% है। इसके पीछे बड़ी वजह वैक्सीन के साइड इफेक्ट और उससे जुड़े डर हैं।
देश में अब तक 600 से ज्यादा लोगों में साइड इफेक्ट के मामले सामने आ चुके हैं। कुछ राज्यों में टीका लगने के बाद मौत की खबरें भी आई हैं। हालांकि पोस्टमॉर्टम में मौत की वजह वैक्सीन नहीं पाई गई। आइए जानते हैं कि भारत में वैक्सीन के साइड इफेक्ट क्या हैं? वैक्सीन लगवाने के दौरान किन बातों का ध्यान रखें? और, लोग क्यों डर रहे हैं?
वैक्सीन के साइड इफेक्ट तुरंत होते हैं
नई दिल्ली के AIIMS में रूमेटोलॉजी डिपार्टमेंट की हेड डॉक्टर उमा कुमार कहती हैं कि भारत में हर किसी के डर के पीछे अलग-अलग वजह हैं। कुछ लोग वैक्सीन पर ट्रस्ट नहीं कर पा रहे हैं, तो कुछ लोग वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स से डर रहे हैं।
वैक्सीन को लेकर शुरू में बहुत सी भ्रांतियां फैला दी गईं। कहा गया कि ये तो बिना ट्रायल के पास कर दी गईं। इसके चलते भी लोगों के मन मे डर पैदा हुआ। हालांकि, अब लोगों में यकीन लौट रहा है। बता दें कि वैक्सीन के जो भी साइड इफेक्ट होते हैं, वो तुरंत होते हैं।
नई दिल्ली, AIIMS से डीएम कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर संजय कुमार चुघ कहते हैं कि फाइजर की वैक्सीन से दुनिया के कुछ देशों में मौत की जो खबरें आई हैं, उसकी वजह से भी लोग डर रहे हैं।
कंपनियों ने फैक्टशीट जारी कर बताया- किन बातों का ध्यान रखें
भारत में दो कंपनियों की वैक्सीन लगाई जा रही हैं। इनमें भारत बायोटेक की कोवैक्सिन और सीरम इंस्टीट्यूट की कोवीशील्ड है। दोनों कंपनियों ने फैक्टशीट जारी कर बताया है कि उनकी वैक्सीन लगवाने से पहले और बाद में किन बातों का ध्यान रखें।
वैक्सीन के साइड इफेक्ट एक-दो घंटे में ठीक हो जा रहे
डॉक्टर उमा कुमार कहती हैं कि हर एंटी वायरल वैक्सीन में भी कोरोना वैक्सीन की तरह समस्याएं आ सकती हैं। यदि आप सीवियर एलर्जिक हैं तो वैक्सीन न लें। वैक्सीन लगवाने से पहले लोगों को अपनी समस्याएं खुद बता देनी चाहिए। यदि साइड इफेक्ट हो रहे हैं तो सपोर्टिव ट्रीटमेंट ले सकते हैं। लेकिन, कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट सिर्फ एक-दो घंटे में ही ठीक हो जा रहे हैं।
भारतीय वैक्सीन का दुनिया में ट्रैक रिकार्ड बहुत बेहतर
डॉक्टर संजय चुघ कहते हैं कि मेरे ग्रुप के जितने भी डॉक्टरों ने अब तक वैक्सीन लगवाई है, सब ठीक हैं। हां, एक साथी को बुखार, सिरदर्द, बदनदर्द हुआ था। वहीं, कुछ लोगों में एलर्जी की समस्याएं भी आ रही हैं। भारत में वैक्सीन लगाने से मौत का कोई डायरेक्ट लिंक भी नहीं मिला है। अभी वैक्सीन लगाने के बाद जो 2 मौत हुई हैं, वे हार्ट के मरीज रहे हैं।
भारतीय वैक्सीन इसलिए भी ज्यादा अच्छी हैं, क्योंकि भारत में वायरस से जुड़ी बीमारियों की सबसे ज्यादा वैक्सीन बनती हैं। इस मामले में दुनिया की अन्य वैक्सीन के मुकाबले हमारा ट्रैक रिकार्ड ज्यादा अच्छा है। हमारी दोनों वैक्सीन से हर्ड इम्युनिटी आने की संभावना ज्यादा है।
लोगों को भरोसा दिलाने के लिए प्रधानमंत्री लगवाएंगे वैक्सीन
लोगों को वैक्सीन पर भरोसा दिलाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को खुद आगे आना पड़ा है। उनका कहना है कि वैक्सीनेशन पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है, जो भी साइड इफेक्ट के मामले आ रहे हैं, वो सामान्य हैं। वहीं, दूसरे फेज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वैक्सीन लगवाएंगे।