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जागरूक नागरिकों ने रोकी सरकारी संपत्ति की चोरी, दर्ज कराई एफ0आई0आर0

पब्लिक की लहर
जालौन ब्लॉक नदीगांव थाना रेन्ढर के ग्राम पंचायत पंजौनिया मझरा सीकरी बुजुर्ग के जागरूक नागरिक राजकुमार सिंह और अभिनेन्द्र सिंह ने दिनांक 15-10-2024 को विद्युत विभाग के विद्युत खंभों और तारों की चोरी को विफल कर दिया। विद्युत खंभों और तारों की अनुमानित लागत लगभग 50 लाख बताई जा है। ग्राम सीकरी बुजुर्ग से ग्राम पंजोनिया के बीच लगे विद्युत खंभों और तारों की चोरी में क्षेत्र के ही कई कुख्यात गिरोहबंद हथियारों से लैस अपराधी लगे थे। ग्राम सीकरी के राजकुमार सिंह पुत्र रामभरोसे सिंह और अभिनेन्द्र सिंह पुत्र राजेन्द्र सिंह को जब ग्राम सीकरी से ग्राम पंजौनिया के बीच लगे विद्युत खंभों और तारों के गिराये जाने की भनक लगी तो यह लोग मौका स्थल पर पहुंच कर शोर मचाये और गाँव वालों को बुलाने लगे। परिस्थितियों को हाथ से निकलते देख गिरोहबंद लोगों ने राजकुमार सिंह पुत्र रामभरोसे सिंह और अभिनेन्द्र सिंह पुत्र राजेन्द्र सिंह को घेर कर घायल कर डराया धमकाया और मनचाहा असर नहीं होता देख गिरोहबंद आरोपियों ने दोनों पर जानलेवा हमला कर दिया। खुद को खतरे में देख बचने के लिए दोनों ग्रामीण मोटरसाइकिल को पंजौनिया की तरफ भगा ले गए और ग्रामीणों को इखट्टा कर लिया और 112 को बुलाकर स्थिति संभाली। ग्रामीणों की संख्या देख गिरोहबंद आरोपी ग्रामीणों को डराते धमकाते भाग निकले। ग्रामीणों की मदद से थाना रेंढ़र में दर्ज कराई गई एफ0आई0आर0 99/2024 दिनांक 16-10-2024 में गिरोहबंद आरोपियों में अनिरुद्ध सिंह पुत्र अर्जुन सिंह निवासी पंजौनिया, अनिल कुमार पुत्र रामधनी निवासी पंजौनिया, श्यामकरन पुत्र अजुद्दी प्रसाद निवासी पंजौनिया, अभिमन्यु सिंह उर्फ डिंपल पुत्र अर्जुन सिंह निवासी पंजौनिया, ललित पुत्र फूल सिंह कुशवाहा निवासी सीकरी बुजुर्ग, रानू मिश्रा निवासी सीकरी बुजुर्ग, और कई अन्य अज्ञात नामज़द अभियुक्त हैं। ताज्जुब की बात यह है कि ग्रामीणों ने दिनांक 15-10-2024 को ही पुलिस 112 और विद्युत विभाग के सक्षम क्षेत्रीय अधिकारी को दुरभाष पर विद्युत खंभों और तारों के चोरी की सूचना देने के बावजूद भी दिनांक 16-अक्टूबर की सुबह तक विद्युत विभाग के अधिकारी नदारद थे जिस वजह से सरकारी पैरवी नहीं होने के कारण पुलिस भी फर्जी घटना की आशंका में दिनांक 15-10-2024 में ग्रामीणों के साथ पहुंचे राजकुमार सिंह और अभिनेन्द्र सिंह की तहरीर पर एफ0आई0आर0 दर्ज करने में हिला-हवाली करती रही और बार बार सरकारी सामान की चोरी आदि की सत्यता के लिए विद्युत विभाग के अधिकारियों को बुलाने पर ज़ोर देती रही। खबर समाचार पत्र को भेजे जाने तक जागरूक नागरिकों की तहरीर पर एफ0आई0आर0 दर्ज की जा चुकी थी लेकिन विद्युत विभाग के अधिकारियों का फिर भी कोई आता-पता नहीं था। एफ0आई0आर0 दर्ज कराने वालों के खिलाफ अपराधियों ने फर्जी एस0सी0/एस0टी0 महिला उत्पीड़न आदि के मुकदमे दर्ज कराने के प्रयास शुरू कर दिया हैं ताकि दर्ज हुए मुकदमे की पैरवी और इसी आधार पर विवेचना प्रभावित करने में मदद मिल सके। यह एफ0आई0आर0 में नामज़द हुए अपराधियों अभिमन्यु और अनिरुद्ध के आपराधिक काम में विरोध खत्म करने की पुरानी नीति है। नामज़द आरोपियों में बुन्देलखण्ड का कुख्यात हिस्ट्रीशीट है। जिस पर पहले से ही 70 से अधिक आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। डिंपल का भाई जो कि आजकल बकालत कर रहा है। उसका भी पूर्व से दर्जन से अधिक आपराधिक मुकदमों का इतिहास है। अभिमन्यु सिंह और अनिरुद्ध सिंह दोनों सगे भाई हैं जिनके पिता अर्जुन सिंह वर्त्तमान ब्लॉक प्रमुख नदीगांव हैं। इनके पिता अर्जुन सिंह का भी लगभग 2 दर्जन आपराधिक मुकदमों का इतिहास है। श्यामकरन पुत्र अजुद्दी प्रसाद फर्म एकता कंस्ट्रक्शन का मालिक है जिसका आपराधिक इतिहास है और जिसे छुपा कर ठेकेदारी के फर्जी और नियम विरुद्ध बने चरित्र प्रमाण पत्र की जिला स्तर पर जाँच लंबित चल रही है। ललित पुत्र फूलसिंह कुशवाहा ग्राम पंचायत पंजौनिया का वर्तमान प्रधान है सम्भवतः इनके विरुद्ध भी ग्रामीणों की जिला स्तर पर ग्राम पंचायत पंजौनिया में नियम और शासनादेशों के खिलाफ जा कर लगभग एक करोड़ रुपए के सरकारी धन के अपव्यय और गबन की शिकायत जांच लंबित है। क्षेत्र के सबसे कुख्यात अपराधी अभिमन्यु सिंह उर्फ डिंपल पर कहावत “पाप का घड़ा भरना” सही सिद्ध होती समझ आ रही है। लगभग हर हफ्ते अभिमन्यु सिंह उर्फ डिंपल का कोई न कोई काला चिट्ठा खुल रहा है। दिनांक 17-10-2024 को अभिमन्यु सिंह उर्फ डिंपल के विरुद्ध गुंडा एक्ट के सरकारी केस की सुनवाई भी होना है। अभिमन्यु सिंह उर्फ डिंपल जातिगत व्यवस्था का उपयोग कर खुद को आपराधिक मामलों में लाभ लेने की गजब की खूबी है और इसके संपर्क में आये अधिकारियों को यह ये दिखता है कि क्षत्रीय/ठाकुर समाज इस अपराधी को मुखिया मानता है और इसे इसी बात से इसके विरोधी नुकसान की मंशा से पीछे पड़े रहते हैं। जबकि इसके क्षेत्रीय सह-जातिय ग्रामीण और शहरी लोग यह कहते नहीं थकते की अपराधियों का कोई जाति धर्म नहीं होता है और काम निकलने पर या बुरा वक्त आने पर अभिमन्यु ऐसे मददकर्ता अधिकारियों और सामाजिक लोगों का सबसे पहले अहित करता है इसलिए क्षत्रीय समाज ऐसे अपराधियों से बचें और क्षत्रीय को किसी समाज ऐसे किसी व्यक्ति को मुखिया नहीं मान सकता जो खुद उसी के समाज को खोखला करने में लगा हो। आगे देखना है कि विद्युत विभाग के अधिकारियों को उनके सरकारी उत्तरदायित्व कब तक याद आते हैं। यदि विवेचना में दर्ज हुई एफ0आई0आर0 के तथ्यों की पुष्टि होती है तो अभिमन्यु सिंह के सरकारी धन के कारनामों की आपराधिक सूची न्युनतम 8 करोड़ रुपए के आंकड़े को पार करना तय है।

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